रिवीजन टेस्ट पेपर - 2020-21

कक्षा 12 वीं

विषय - हिन्दी विशिष्ट

प्रश्न 1- रिक्त स्थानों की पूर्ति उचित शब्दों का चयन करके कीजिए-

(1) चिन्तन के क्षेत्र में जो अन्तवाद है, वही भावना के क्षेत्र में रहस्यवाद है। (रहस्यवाद/छायावाद)

(2) मय जब रवभावगत हो जाता है तय कायरता कहलाता है। (कायरता/पराजय)

(3) गौरा को किसी ने  गुड में से लपेटकर सुई खिला दी। (शक्कर/गुड में)

(4) वाक्य के प्रमुख गुण तीन होते है। (दो/तीन)

उत्तर- 1. रहस्यवाद, 2. कायरता, 3. गुड में, 4. तीन

प्रश्न 2- निम्नलिखित कथनों के लिए सही विकल्प का चयनकर लिखिये:

(अ) हिन्दी कविता का जागरण काल माना जाता है-

(1) भारतेन्दु युग को        (2) द्विवेदी युग को

(ब) 'नये मेहमान आये थे-

(1) लखनऊ से            (2) विजनोर से

(स) हिंदुओं के पवित्र चार धाम इस राज्य में है -

(1) उत्तरप्रदेश              (2) उत्तराखण्ड

(छ) 'मुंह' उतरना का अर्थ है।

(1) डर जाना              (2) उदास होना

उत्तर- (अ) (1) भारतेन्दु युग को, (ब) (2) विजनोर से, (स) (2) उत्तराखण्ड, (छ) (2) उदास होना

प्रश्न 3-निम्नलिखित कथनों के सत्य/असत्य छोटिए:

(1) वच्चे लाइन में जाएंगे। यह सरल वाक्य है।

उत्तर- असत्य

(2) क्रोध का प्रभाव से प्रसन्नता आती है।

उत्तर- असत्य

(3) प्रताप नामक समाचार पत्र का प्रकाशन लखनऊ नगर से आरम्भ हुआ।

उत्तर- असत्य

(4) क्या आप खाना खा लिये है। आक्य अशुद्ध है।

उत्तर- सत्य

प्रश्न 4- सही जोड़ी मिलाइये:

(1) साध्य                (क) महादेवी वर्मा

(2) वापसी               (ख) असाध्य

(3) गौरा                 (ग) उपाप्रियंवदा

(4) 'दॉत खट्टे करना' का अर्थ है।  (घ) खण्डकाव्य

                        (य) परास्त करना

(र) डॉ० रामकुमार वर्मा

(ल) भगवती चरण वर्मा

उत्तर- 1. (ख), 2. (ग), 3. (क), 4. (य)

प्रश्न. 5- निम्नलिखित प्रश्नों के प्रत्येक का एक शब्द अथवा एक वाक्य में उत्तर दीजिए:

(1) घर के पड़ोस में रहने वाले लोग क्या कहलाते है?

उत्तर- पडोसी |

(2) देवप्रयाग में अलकनदा के पानी का रेग कैसा है ?

उत्तर- नीला |

(3) भारत की राष्ट्रभाषा कौन सी है?

उत्तर- हिन्दी

(4) ओज गुण से युक्त कोई दो पक्तियाँ लिखिए।

उत्तर- ओज गुण से युक्त दो पंक्तियाँ इस प्रकार है -

“बुन्देले हरबोलों के मुख हमने सूनी कहानी थी |

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी ||

प्रश्न.6- आधुनिक काल को कितने युगो में विभाजित किया गया है।

उत्तर- आधुनिक युग को छ: युगों में विभाजित किया गया है -

1. भारतेन्तु युग , 2. द्वेदी युग, 3. छायावादी युग,

4. प्रगतिवादी युग,  5.प्रयोगवादी युग, 6. नई कविता |

अथवा

छायावादी कविता की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- 1. सोंदर्य तथा प्रणय-भावनाओं का प्राधान्य |

2. भाषा में लाक्षणिकता तथा वक्रता की प्रमुखता |

3. ब्रह्मार्थ निरूपण के स्थान पर स्वानुभूति निरूपण की प्रमुखता |

4. छन्द विधान में नूतनता

5. कोमलकांत पदावली

प्रश्न 7- रहस्यवाद तथा छायावाद में अन्तर बताइये।

उत्तर-

छायावद

रहस्यवाद

1. इसमें कल्पना की प्रधानता है|

इसमें चिन्तनं की प्रधानता है|

2. भावना की प्रधानता है

ज्ञान व बुद्धितत्व की प्रधानता है |

3. यह प्रकृति मुलक है |

इसकी प्रकृति दार्शनिक है|

अथवा

प्रगतिवादी काव्य का परिचय दीजिए।

उत्तर- अंतशय भावुरुता का विरोध स्थूल भौतिक जगत की यथार्थता का वर्णन, शोषण के प्रति आक्रोश तथा सामाजिक विषमताओं पर तीव्र प्रहार करने की प्रवृति वाले हिन्दी काव्य को प्रगतिवादी काव्य कहा जाता है |

प्रश्न 8- केशवदास जी द्वारा रचित वन्दना में किस किस की वन्दना की गई है?

उत्तर- केशवदास जी द्वारा रचित वंदना में भगवान गणेश, माँ सरस्वती तथा श्री राम जी कि वंदना कि गई है |

अथवा

चन्द्रमा को किसने कलंक कर अपने सिर पर धारण किया ?

उत्तर- चन्द्रमा को शिव ने निष्कलंक क्र अपने सर पर धारण किया |

प्रश्न.9 - मैया मै नाहीं दधि खायो। कोन जिससे क्या कह रहा है स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- बाल कृष्ण अपनी माँ यशोदा से कह रहे है | कि मैया मै नाही दधि खायो |

अथवा

मैया कबहि व दैयी चोरी। कोन किससे पूछ रहा है और किस भाव के होकर

उत्तर- मैया कबहि व दैयी चोटी यह बात बाल कृष्ण अपनी माता यशोदा से पूछ रहे है | वह अपनी माँ से कहते है तु मुझे रोज कच्चा दूध पीने देती है | दही माखन नही देती |

प्रश्न 10- हमको लिखयो है कहा गोपियों यह प्रश्न किससे पूछ रही है।

उत्तर- हमको लिखयो है | कहा यह प्रश्न गोपियाँ श्री कृष्ण में मित्र उध्दव जो ब्रज में समाचार लेकर आये थे उन्ही से पूंछ रही थी |

अथवा

उधव की अकह कहानी को सुनकर गोपियों की दसा का वर्णन कीजिए।

उत्तर- उध्दव जी श्री कृष्ण का सन्देश लेकर मधुरा गए थे यह खबर जब गोपियों की पता चली तब वह नन्द बाबा के घर आई उन्होंने पूछा कि श्री कृष्ण ने उस सन्देश में उनके लिए क्या लिखा है |

प्रश्न 11- मय पाठ के लेखक का नाम लिखते हुए यह गध की कौन सी विद्या है लिखिए।

उत्तर- लेखक - आचार्य रामचंद्र शुल्क

विधा - निबंध

अथवा

नाटक के प्रमुख तत्व लिखिए?

उत्तर- नाटक के प्रमुख तत्व है -

 1. कथावस्तु    2. पात्र एवं चरित्र - चित्रण   3. सम्वाद या कथोपकथन  4. भाषा - शैली

5. देशकाल एवं वातावरण    6. उद्देश्य 7. संकलनत्रय    8. अभिनेयता आदि |

प्रश्न 12- रिपोर्ताज की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर- रिपोर्ताज की विशेषता है -

1. रिपोर्ताज में आँखों देखा था कानो सुना का वर्णन होता है |

2. रिपोर्ताज में तथ्य पर बल होता है |

3. रिपोर्ताज में कलात्मक पर ध्यान नही दिया जाता है |

4. रिपोर्ताज में सुचना के अतिरिक्त साहित्यिकता भी होती है |

5. रिपोर्ताज का सम्बन्ध वर्तमान से होता है |

अथवा

कहानी और उपन्यास में काई दो अन्तर बताइये।

उत्तर-

कहानी

उपन्यास

1. कहानी का आकर छोटा होता है |

उपन्यास का आकर विस्तृत होता है |

2. कहानी में एक ही क्या होती है |

उपन्यास में मुख्य कथा के साथ अन्य प्रासंगिक कथाएँ जुडी होती है |

प्रश्न 13- गजाधर बाबू के लिए मधुर संगीत क्या था?

उत्तर- गजाधर बाबू के लिए पटरी पर रेल के पहियों की खट खट गजाधर बाबू के लिए किसी उच्च कोटि के मधुर संगीत की तरह ही था |

अथवा

रेवती अपने घर को जेलखाना क्यों कहती है?

उत्तर- रेवती का घर छोटा तथा घुटन वाला है वह जीवन की सुविधाओं से रहित जेलखाने की किसी कोठरी जैसा है अत: वह अपने घर को जेलखाना कहती है |

प्रश्न 14- उत्तराखंड के चारो धाम किन चार पवित्र नदियों के किनारे स्थित है।

उत्तर- उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध चार धाम पवित्र नदियों के तट पर स्थित है | यमुनोत्तरी का मार्ग यमुना नदी के किनारे-किनारे, गंगोत्तरी का मार्ग गंगा नदी के किनारे-किनारे केदारनाथ का मार्ग अलकनंदा नामक पवित्र नदी के किनारे-किनारे गया है |

अथवा

गोरा किसकी गाय थी उसके बछड़े का क्या नाम था?

उत्तर- गोरा लेखिका महादेवी वर्मा की थी उसके बछड़े का नाम लालमणि था |

प्रश्न 15- निम्नलिखित वाक्य को शुद्ध कीजिए-

1. मैने कल पुस्तकें खरीदूंगा।

2. वे वीर है।

उत्तर- 1. मैंने कल पुस्तके खरीदी |

2. वे वीर है |

अथवा

रचना के अनुसार वाक्य के भेद लिखिए।

उत्तर- रचना के अनुसार वाक्य के तीन भेद है |

1. सरल वाक्य, 2. मिश्रित वाक्य तथा, 3. संयुक्त वाक्य |

प्रश्न 16- छंद की परिभाषा देते हुए उसके भेद बताइए।

उत्तर- वर्ण, मात्रा, यति, गति, तुक आदि का ध्यान रखकर कि गयी शब्द रचना छन्द कहलाती है

छन्द के दो भेद होते है - वर्णिक एवं मात्रिक |

वर्णिक- वर्णिक छन्द मै वर्णों कि गणना की जाति है |

मत्रिक - मात्रिक छन्द मै मात्राओ कि गणना कि जाति है |

अथवा

अलंकार की परिभाषा देते हुए उसके भेद बताइए।

उत्तर- आचार्य दण्डी ने लिखा है - ‘काव्य शोभाकरान्त धर्मान अलंकारान प्रचक्षेत्र ‘अर्थात् काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने वाले धर्म अलंकार कहलाते है |

अलंकार के तीन भेद है - शब्दालंकार, अर्थालंकार तथा उभयालंकार |

प्रश्न 17- कानपुर में किन-किन साहित्यकारों से भगवतीचरण वर्मा की मित्रता हुई थी।

उत्तर- अपनी प्रारम्भिक कविताओं के प्रताप में छपने के दो-तीन साल के अंदर ही लेखक की मित्रता कानपुर के सुप्रसिध्द साहित्यकार श्री विश्वम्भरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ बालकृष्ण शर्मा नवीन एवं श्री रमाशंकर अवस्थी जैसे उच्चकोटि के साहित्यकारों से हो गई थी |

अथवा

ज्योतिमठ के विषय में संक्षिप्त जानकारी लिखिए।

उत्तर- आज भी उतराखण्ड में शंकराचार्य जी के कार्यो एवं उनके निवास स्थान के प्रत्यक्ष दर्शन किये जा सकते है ज्योतिमठ में आज भी वह शहतूत का पत्र है| जिसके नीचे बैठकर तपोभूत शंकराचार्य जी को ज्योति के दर्शन हुए थे | इसी स्थान के निकट वह शंकर गुफा भी देखी जा सकती है | जिसमे वे निवास किया करते थे | इसी वृत्त के नीचे भगवान शंकराचार्य ने तत्वज्ञान के महान ग्रन्थ शंकर भाष्य की रचना की थी | ज्योतिमठ के सेब, नाशपाती, अखरोट आदि फलो से लदे पौधे का बगीचा, संस्कृत का विधालय, आज भी जगत गुरु शंकराचार्य जी के पवित्र प्रयत्नों और संकल्पों को दोहरा रहा है, जिसके दर्शन मात्र से संसार ने महान प्रेरणा पाई थी |

प्रश्न 18- राष्ट्रभाषा किसे कहते है? राष्टभाषा की कोई तीन विशेषताएं लिखिए।

उत्तर- राष्ट्रभाषा - प्रत्येक स्वतंत्र राष्ट्र की एक सर्वसम्मत रष्ट्रभाषा होती है | राष्ट्रभाषा में राष्ट्र की संस्कृति साहित्य और इतिहास की प्रेरणाएँ निहित होती है, जो जनजीवन को प्रभावित करती है | राष्ट्रभाषा के लिए सम्पर्क भाषा शब्द भी प्रयुक्त होता है| इसी भाषा से उस व्यक्ति समाज व देश का व्यक्तित्व झलकता है |

राष्ट्रभाषा की विशेषताएँ - 1. राष्ट्रभाषा विकसित होती है |

2. यह देश के बहुसंख्यक लोगों  की भाषा होती है |

3. राष्ट्रभाषा को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त होती है |

अथवा

इस भाषा और बोली में अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- भासा और बोली मै अंतर है |

1. भाषा का क्षेत्र विस्तृत होता है, जबकि बोली का क्षेत्र सीमित होता है |

2. भाषा का साहित्य प्रचुरता में लिखित में लिखित होता है जबकि बोली का साहित्य अलिखित या न्यून होता है |

3. भाषा में एक से अधिक बोलियाँ हो सकती है, जबकि बोली में भाषाओँ का समावेश नही होता है |

4. बोली का प्रयोग बोलचाल में होता है, जबकि भाषा का प्रयोग साहित्य तथा शासकीय कार्यो में होता है |s

प्रश्न 19- महाकाव्य एवं खण्ड काव्य में कोई तीन अंतर लिखिए।

उत्तर- महाकाव्य और खण्डकाव्य में अंतर है -

1. महाकाव्य का कलेवर विशाल होता है, जबकि खण्डकाव्य का आकर सीमित होता है |

2. महाकाव्य में जीवन का समग्ररूपेण अंकन होता है , जबकि खण्डकाव्य में जीवन का एक खण्ड विवरण होता है |

3. महाकाव्य में श्रृंगार, वीर तथा शांत रस में से किसी एक कि प्रधानता होटी है, जबकि खण्डकाव्य में अनेक रूप असमग्र रूप से रहते है |

4. महाकाव्य - रामचरितमानस (तुलसीदास) व कामायनी (जयशंकर प्रसाद)

खण्डकाव्य - मेघदूत (कलिदास) व पंचवटी (मैथलीशरण गुप्त) |

अथवा

हास्य रस की परिभाषा देते हुए उदाहरण भी लिखिए।

उत्तर- हास्य रस की परिभाषा - अनोखी वेशभूषा, आकार वाणी तथा कार्य को निहारकर जो हास्य का भाव उत्पन्न होता है, वही हास्य रस की अभिव्यक्ति कराता है |

उदा. “फादर ने बनवा दिए तीन कोट छ: पेण्ट |

बेटा मेरा हो गया कॉलेजा स्टूडेंट ||

प्रश्न 20- बालक कृष्ण माता यशोदा से बलदाऊ को क्या शिकायत करते है।

उत्तर-      कृष्ण माता यशोदा से शिकायत करते है कि बलदाऊ मुझे बहुत चिढाते है | मुझे यह कहते है कि तुझे माता यशोदा ने जन्म नही दिया है, बल्कि तुझे किसी से मोल लिया है | मै इस गुस्से में खेलने भी नही जाता हूँ | बार - बार मुझसे पूछते है कि तेरे माता - पिता गोरे है | यदि तु उनका पुत्र है तो सावला क्यों है ? फिर सभी ग्वालों को सिखा देते है, और मेरी तरफ देखदेख ताली मारकर हसते है | और मुझे खिझाते है और तू मुझे ही मारना जानती है बलदाऊ को नही मरती |

अथवा

रत्नाकर की गोपियों के मन में कौन क्या है, उनके विचार स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- रत्नाकर की गोपियों के मन में श्रीकृष्ण बसे है | वह उनके मन में इस तरह बस गये है कि अब निकलने से भी नही निकलते उनका सन्देश आने की खबर सुनकर सभी दौड़-दौड़ क्र नन्द के घर आने लगी| उन्होंने उध्दव से कहा कि हमारे मन रूपी शीशे में कृष्ण बसे है | तुम अपने कठोर वचन रूपी पत्थर चलाक हमारे मनरूपी शीशे को तोडकर अनेक मोहन हमारे ह्दय में मत बसाओं | अनेक मोहन हमारे ह्रदय में बस कर अधिक दु:ख देगे |

प्रश्न 21- 'नाटक एवं एकांकी के चार अन्तर बताइये।

उत्तर- नाटक और एकांकी में अंतर निम्नलिखित है -

1. नाटक में एक मुख्य कथा के साथ अन्य प्रसांगिक कथाएँ होती है, जबकि एकांकी में एक ही कथा होती है |

2. नाटक में अनेक घटना तथा कार्य-व्यापार होते है, जबकि एकांकी में एक घटना तथा कार्य-व्यापार भी एक होता है |

3. नाटक में अनेक अंक होते है, जबकि एकांकी में अनेक अंक होते है |

4. नाटक में विस्तार होता है, जबकि नाटक में सक्षिप्ता होती है |

अथवा

रेखाचित्र और से स्मरण में क्या अंतर है लिखिए।

उत्तर- रेखाचित्र तथा सस्मरण में अंतर -

1. रेखाचित्र सामान्य से सामान्य व्यक्ति का हो सकता जबकि संस्मरण महान व्यक्ति का ही होता है |

2. रेखाचित्र कल्पना प्रधान होता है, जबकि संस्मरण वास्तविक होता है |

3. रेखाचित्र में चित्रात्मक शैली प्रयुक्त होती है, जबकि संस्मरण में विवरणात्मक शैली का प्रयोग होता है|

4. रेखाचित्र में भाषा सांकेतिक होती है, जबकि संस्मरण में भाषा अभिधामूलक होती है |

प्रश्न 22- सूरदास अथ्वा घनानंद का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिदुओं के आधार पर लिखिये।

1. दो रचनॉए 2 भाव पक्ष कला पक्ष 3. साहित्य मे स्थान

उत्तर- सूरदास

दो रचनाएँ - सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी |

भावपक्ष - सूरदास कृष्ण भक्त थे | सूर ने अपने पदों में मानव के मन के भावों को प्रकट किया है| सूर के काव्य में शान्त, श्रृंगार और वात्सल्य रस स्पष्ट रूप में दिखाई देता है | सूर वात्सल्य रस के सर्वोत्कृष्ट कवि है |

कलापक्ष - सूरदास ने बोलचाल की ब्रजभाषा को लालित्य-प्रधान ब्रजभाषा बना दिया है| सूरदास ने अपनी काव्य रचना गेय पद शैली में की है | सूरदास की रचनाओं में अलंकार अपने स्वाभाविक सौन्दर्य के साथ प्रविष्ट हो जाते है | इन्होने मुक्तक गेय पदों की रचना की है | उनके पदों में संगीतात्मकता सर्वत्र परिलक्षित होटी है |

साहित्य में स्थान - सूरदास ब्रजभाषा कवियों में सर्वोत्कृष्ट कवि है | इनका बाल प्रकृति - चित्रण, वात्सल्य तथा श्रृंगार का वर्णन अद्वितीय है | जब तक सूर की प्रेमशक्ति वाणी का सुधा प्रवाह है, तब तक हिन्दू जीवन से समरसता का स्त्रोत कभी सूखने नही पाएगा |

घनानंद

दो रचनाएँ - सुजान विनोद, सुन्दरी तिलक |

भाव पक्ष - इनकी कविता में रसद श्रृंगार है | जिसमें संयोग और वियोग दोनों पक्षों का सटीक वर्णन है | उन्हें संयोग में भी वियोग दिखाई देता है | घनानन्द के काव्य में संयोग का चित्रण अति अत्थ है | उनके काव्य में वियोग की सभी अवस्थाओं, दशाओं, स्थितियों आदि का स्वाभाविक चित्रण हुआ है |

कलापक्ष - उनकी भाषा ब्रज है जो स्जीय लाक्षणिक, व्यंजना प्रचुर तथा व्याकरणसम्मत है| उनकी भाषा फारसी काव्य से प्रभावित होते हुए भी मौलिक है | ध्वन्यात्म्क शब्दों का प्रयोग किया है | इनकी रचनाओं में अनुप्रास एवं रूपक का प्रयोग सुंदर रूप में हुआ है |

साहित्य में स्थान - आचार्य रामचन्द्र शुल्क के अनुसार घनानन्द रीतिमुक्त काव्यधारा के श्रेष्ट कवि है| सुजान का उनकी प्रेयसी होना ही अधिक उपयुक्त लगता है | सुजान को श्रृंगार पक्ष में नायिका और शक्ति पक्ष में कृष्ण मान लेना उचित होगा |

प्रश्न 23-आचार्य रामचंद्र शुक्ल अथवा उषा प्रियंवदा का साहित्यक परिचन निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर लिखिए।

(i) दो रचनॉए    (ii) भाषा शैली (iii) साहित्य में स्थान

उत्तर- आचार्य रामचंद्र

दो रचनाएँ - चिंतामणि (निबंध - संग्रह)

          त्रिवेणी (आलोचना)

भाषा - आचार्य शुक्लजी की भाषा परिष्कृत, प्रौढ़ एवं साहित्यक खाड़ी बोली है | शुक्लजी की भाषा में व्यर्थ का शब्दाडम्बर नही मिलता | उसमें संस्कृत के तत्सम शब्दों की बहुलता है| वाक्य - विन्यास भी कुछ लम्बे है| सामान्य विचारों के विवेचना में भाषा सरल एवं व्यावहारिक है |

शैली - शुक्लजी अपनी शैली के स्वयं निर्माता थे | उनकी शैली समास रूप से प्रारम्भ होकर व्यास शैली के रूप में समाप्त होती है | अर्थात एक विचार को सूत्र, रूप में फिर उसकी व्याख्या क्र देते है | मुख्य: रूप से शुक्लजी की शैली चार प्रकार की है- समीक्षात्मक शैली गवेषणात्मक, भावात्मक तथा हास्य-विनोद एवं व्यंग्य प्रधान शैली |

साहित्य में स्थान - आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपनी असाधारण प्रतिभा द्वारा साहित्य की अनेक विधाओं में सृजन किया शुक्लजी की भाषा तथा शैली आने वाले साहित्यकारों के लिए आदर्श रूप है | वे युग प्रवर्तक निबंधकार है |

उषा प्रियंवदा

दो रचनाएँ - ‘पचपन खम्भे लाल दीवारे’ (उपन्यास), ‘जिन्दगी और गुलाब’ (कहानी - संग्रह)|

भाषा - उषा प्रियवंदा ने सरल, स्थिर, संयत एवं बोधगम्य खडी बोली का प्रयोग किया है | लघु वाक्य - विन्यास कहावतों तथा मुहावरों का प्रयोग भाषा का सरल रूप है| शब्दों के सामाजिक प्रयोग से उषा प्रियंवदा के साहित्य की भाषा में कसावट विद्यमान रहती है |

शैली - उषा प्रियवंदा जी की शैली भावात्मक, विवरणात्मक तथा व्यंग्यात्मक है | उनके उपन्यासों में विवरण शैली के दर्शन होते है, तो कहानियों में भावात्मकता तथा व्यंग्य परिलक्षित है | इस प्रकार उनकी शैली वणर्य-विषय के सर्वधा अनुकूल है |

साहित्य में स्थान - हिन्दी कथा साहित्य में लेखिका का विशिष्ट स्थान होने का प्रमुख कारण है - वर्तमान में नष्ट होते हुए भारतीय मूल्यों का सटिक चित्रण है | उनकी कथाएँ पारिवारिक विघटन को रोकने का सन्देश देती है | सच्चे अर्थो में उषा प्रियंवदा आधुनिक समाज की एक आदर्श कथावत है |

प्रश्न 24-निम्नलिखित पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए।

यही थी क्या उनकी पत्नी, जिसके हाथों में कोमल स्पर्श, जिसकी

मुस्कान की याद मे उन्हों सम्पूर्ण जीवन काट दिया था? उन्हें लगा

कि वह लावण्यमयी युवती जीवन की राह में कही खो गइ है, और

उसकी जगह आज जो स्त्री है वह उनके मन और प्राणों के लिए नितान्त अपरिचिता है।

उत्तर- सन्दर्भ - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक ‘वापसी’ नामक पाठ से उदधृत है| इसकी लेखिका ‘उषा प्रियवंदा’ है |

प्रसंग - गजाधर बाबू अपनी पत्नी को समझाते है | कि जीवन का सुख धन नही बल्कि परिवार के सुख और मन के सुख से है| यह छोटी-सी बात पत्नी समझ नहीं पाती ओवे वह सो जाती है | सोती हुई पत्नी को देखकर गजाधर बाबू के मन के भाव को पंक्तियों में स्पष्ट किया है |

व्याख्या - गजाधर बाबू सोती हुई पत्नी को देखकर सोचते है | कि जिस पत्नी के कोमल स्पर्श और मुस्कान तथा उसके साथ बिताये सुख के क्षणों की याद में उन्होंने रेलवे के सुने क्वार्टर में रहकर जीवन के पैतीस वर्ष बिता दिये आज उसका सुखदायक स्पर्श व मनमोहक मुस्कान कहाँ चले गये आज पत्नी की समस्त सुंदरता मानो बीते कल की बात हो गई है | उनके समक्ष सो रही स्वी उनसे बिल्कुल अपरिचित है |

विशेष - 1. संस्कृत के शब्दों के साथ भावों में सरलता है |

2. भावों की अभिव्यक्ति में काव्य का आनन्द है |

3. प्रश्नोत्तर लेखन शैली की झलक है |

4. जीवन की विसंगतियों और विडम्बनाओं का मार्मिक चित्रण |

अथवा

"सभ्यता की वर्तमान स्थिति में एक व्यक्ति को दूसरे से वैसा भय तो नहीं रहता जैसे पहले रहा करता था, पर एक जाति को दूसरी जाति, एक देश को दूसरे देश से, भय के स्थायी कारण प्रतिष्टित हो गए है। सबल, और निर्बल देशों के बीच अर्थ शोषण की प्रक्रिया अनवरत चल रही है, एक क्षण का विराम नहीं है।"

उत्तर- सन्दर्भ - प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य - पुस्तक के निबंध ‘भय से अदभुत है | इसके लेखक ‘आचार्य रामचन्द्र शुक्ल’ है |

प्रसंग - भय की वर्तमान स्थिति का वर्णन करते हुए वह कैसे विधमान है का वर्णन किया गया है |

व्याख्या - सभ्यता के विकास से दु: खदान की विधियाँ गूढ़ व जटिल हो गयी है | सभ्यता की वर्तमान स्थिति में एक जाति को दुसरे जाति से, एक देश को दुसरे देश से भय के स्थायी कारण प्रतिषिठत हो गये है | संबल व सक्षम देशों के मध्य अर्थ - संघर्ष, सबल - निर्बल देशों के बीच अर्थशोषण की प्रक्रिया भय की स्थिति को ही जन्म देती है | और विश्व - प्रेम और उपाध्यात्मिकता का नारा लगाती है| कैसी विषम स्थिति पैदा हो गई है|

विशेष - 1. भाषा के भावों के अनुकूल खडी सरल बोली

2. शैली विचारात्मक है |

3. भाषा परिष्कृत तथा शैली व्याख्यात्मक है |

4. शैली में संक्षिप्तता तथा विचारों में सरलता |

प्रश्न 25- निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या लिखिए।

" बानी जगरानी की उदारता बरवानी जाइ,

ऐसी मति उदित उदार कौन की भई।

देवता प्रसिद्ध सिद्ध रिषिराज तपबुद्ध,

कहि कहि हारे सब कहि न काहू लई ।"

उत्तर- सन्दर्भ - प्रस्तुत पद ‘केशवदास’ द्वारा रचित ‘वन्दना’ के शीर्षक ‘सरस्वती वन्दना’ से उद्धव है |

प्रसंग - यहाँ पर कवि ने सरस्वती की उदारता का वर्णन किया है |

व्याख्या - कवि कहता है कि जगत में पूज्य सरस्वती की उदारता का वर्णन नही किया जा सकता है | संसार में ऐसी श्रेष्ठ बुद्धि किसी में नही है जो उनकी उदारता का वर्णन कर सके | देवता, सिद्ध मुनि, श्रेष्ट तपस्वी सभी कह - कह क्र हार गये, लेकिन कोई भी उनकी उदारता का वर्णन नही कर सका |

काव्य सौन्दर्य - 1. सरस्वती वंदना के प्रति आस्था का निष्पादन हुआ है |

2. ब्रजभाषा में रचना है |

3. अनुप्रास, पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार |

4. भाषा में मधुरता का गुण है |

5. शांत रस का प्रयोग |

अथवा

"कारी करि कोकिल | कहाँ को बैर काढति री,

कूकि कूकि अबहों करे जो किन कोरि लै।

पैडे परे पापी ये कलापी निसि-द्योस ज्यों ही,

चातक! रे घातक है, तू हू कान कोरि लै।।"

उत्तर- सन्दर्भ - प्रस्तुत सवैया रीतिकालीन कवि ‘घनानन्द’ दूरा रचित ‘घनानन्द के पद’ नामक काव्य से लिया गया है |

प्रसंग - प्रकृति के मनभावन प्रतीक भी विरह में दग्ध कवि को प्रियतम सुजान के वियोग में कष्ट दे रहे है|

व्याख्या - विरह जन्य पीड़ा से पीड़ित घनानन्द कृषि आनन्द की प्रतीक कोयल से कहते है कि है कोयला तेरी मधुर आवाज भी मुझे कष्ट दे रही है | है कोयला | तु कौन-सा बौर मुझसे निकल रही है | कूक-कूक कर मेरे कलेजे को ही क्यों न निकाल ले ? थे पापी मोर कष्ट को और बढ़ा रहे है | चातक जो कभी प्रिय लगता था आज वह अपनी आवाज से मेरे कान फोड़ दे रहा है |

काव्य सौन्दर्य - 1. प्रकृति के प्रतीकों का वैचित्य दिखाया गया है |

2. ब्रजभाषा का प्रभावशाली वर्णन हुआ है |

3. देशज शब्दों का प्रयोग रोचक लगता है |

4. अनुप्रास, पुनरुक्तिप्रकाश और श्लेष अलंकार है |

प्रश्न 26 निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए

"मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज से अलग उसके अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती। परिचित तो बहुत होते है पर मित्र बहुत कम हो पाते है क्योंकि मैत्री एक ऐसा गांव है जिसमें प्रेम के साथ समर्पण और त्याग की भावना मुख्य होती है। मैत्री में सबसे आवश्यक है परस्पर विश्वास मित्र एक ऐसा सखा। गुरू क्या माता है जो, सबके स्थानों को पूर्ण करता है।

1. उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।

उत्तर- सच्चा मित्र|

2 मनुष्य एक कैसा प्राणी है।

उत्तर- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है |

3. मित्र किस किस के स्थानों की पूर्ति करता है।

उत्तर- एक सच्चा मित्र सखा, गुरु तथा माता, सभी के स्थानों की पूर्ति करता है |

4. मित्रता के लिए किस बात की आवश्यकता है।

उत्तर- मित्रता के लिए प्रेम के साथ-साथ समर्पण तथा त्याग की भावना की बहुत आवश्यकता होती है |

प्रश्न-27 नगर निगम अध्यक्ष को शिकायत पत्र लिखिये जिसमें मोहल्ले की नियमित सफाई न होने की बात कही गई हो।

उत्तर-

सेवा में,

अध्यक्ष,

नगर निगम ,इंदौर

बिषय- मोहल्ले कि सफाई हेतु आवेदन पत्र |

महोदय जी,

निवेदन है कि मै वार्ड क्र. चार का निवासी हूँ |इस मोहल्ले में सफाई का कार्य पूर्ण रूप से सही नही हो  रहा है | मोहल्ले में नालियों की सफाई व कूड़ादान भी भर गया है | मोहल्ले में अत्याधिक गन्दगी व बिमारी जैसा मोहोल हो रहा है |

अतः आपसे निवेदन है कि आप स्वयं इस मोहल्ले का निरक्षण करे तथा सार्वजनिक हित में आप नगर निगम के कर्मचारियों को इस मोहल्ले कि नियमित सफाई करने का निर्देश दे |

धन्यवाद्

दिनांक                        भवदीय

17/3/2020                         अ ब स

                             54-शुभ कोलोनी ,इंदौर

अथवा

अपने बड़े भाई के विवाह समारोह में सम्मिलित होने के लिए मित्र को निमंत्रण पत्र लिखिये।

उत्तर-

26, माधव कुंज ,धार

10 जनवरी 2021

प्रिय मित्र संतोष

सस्नेह नमस्कार

शुभ समाचार यह है - कि मेरे बड़े भैया हर्ष कुमार का शुभ विवाह दिनांक 20 जनवररी 2021 को होना निशिचत हुआ है | तुम तो जानते हो की ऐसे शुभ अवसर पर तुम्हारा आगमन मेरे लिए कितना सुखद और आनन्दमय होगा | तुम्हे इस विवाह में कम से कम चार दिन पूर्व आना होगा | पत्र के साथ निमंत्रण पत्र संलग्न है | तुम्हें प्रत्येक कार्यक्रम में शामिल होना है | मुझे तुम्हारे आगमन की प्रतीक्षा रहेगी |

पिताजी और माताजी को चरण स्पर्श एवं छोटू को बहुत-सा प्यार |

तुम्हारा अभिन्न

जीतेंद्र कुमार