समाज शास्त्र

प्रश्न : 2. भारतीय संस्कृति की चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-
(1) प्राचीनता-विश्व में मिस्र, सीरिया, बेबीलोनिया, नील आदि सभ्यताओं ने जन्म लिया और अपनी प्रतिभा दिखाकर काल के गाल में समाहित हो गये। भारत की सभ्यता इन सभी सभ्यताओं व संस्कृतियों से भी प्राचीन है, किन्तु भारत के प्राचीनतम सभ्यता काल से प्रभावित नहीं हुई और आज भी विद्यमान है।
(2) आध्यात्मिकता-भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता की भावना प्रभावशाली है, जिसमें यह विश्वास किया जाता है कि इस संसार से परे भी एक सत्ता है और वही विश्वात्मा हम सब में व्याप्त है। यही कारण है कि विश्व-बन्धुत्व की भावना से ओत-प्रोत भारतीय संस्कृति आदर्शवादी संस्कृति मानी जाती है।
(3) समन्वयशीलता-भारतीय संस्कृति की विशेषता 'आत्मवत् सर्वभूतेषु' सिद्धान्त में निहित है। इसी कारण भारत ने सभी आक्रमणकारियों को अपने में विलीन कर लिया। यहाँ अनेक हिन्दू, मुसलमान, सिक्ख तथा ईसाई, जैन एवं बौद्ध सन्त हुए, जिन्होंने विभिन्न धर्मों की समन्वयता को सम्भव बना दिया है।
(4) आदर्शवादिता- भारतीय संस्कृति आदर्शवादी प्रवृत्ति पर जोर देती है, इसमें सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह तथा त्याग पर विशेष बल दिया गया है। इन्हीं आदर्शों को लेकर सम्राट अशोक, हर्षवर्धन, कनिष्क तथा अकबर ने समानतावादी साम्राज्य की स्थापना की थी।


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