इतिहास

प्रश्न : 3. पुरापाषाण काल व नवपाषाण काल के मध्य क्या अन्तर थे ? लिखिए।

आधार

पुरापाषाण काल

नवपाषाण काल

(1) आवास

इस काल का मानव एक जगह स्थायी रूप से नहीं रहता था। समय-समय पर वह अपना आवास बदलता रहता था।

इस काल के मानव का जीवन स्थिर हो गया था। वे अब नदियों के किनारे छोटे-छोटे समूहों में मिट्टी-पाषाण निर्मित मकानों या घरों में निवास करने लगे थे।

(2) भोजन

इस काल का मानव पूर्णत: प्रकृतिजीवी था। वह कृषि से परिचित नहीं था। वह कंद- मूल, फल, फूल खाता था तथा जानवरों का मांस एवं मछलियों को खाता था।

इस समय तक मानव मांस को पकाकर खाने लगा था। फल, कंद-मूल भी भोजन के अंग थे। कृषि<br>

कार्य की खोज हो जाने से उत्पादन भोजन का प्रमुख आधार बन चुका था।

(3) औजार

इस काल के मानव के औजार पत्थर के मोटे और भद्दे होते थे। हथियारों में कुल्हाड़ी, हस्तकुठार, गंडासा और भाला का प्रयोग होता था। ये सब औजार पत्थर के बने होते थे।

इस काल के औजार कलात्मक, सुडौल, नुकीले तथा चमकीले होते थे। औजारों में मूठ का प्रयोग होने लगा था। कुल्हाड़ी, गंडासा के अतिरिक्त भाले, धनुष, बर्ची का भी निर्माण वे सीख गए। थे।

(4) व्यवसाय

इस काल में मानव का प्रमुख उद्यम आखेट था।<br>

 

पशुपालन, शिकार, कृषि एवं मिट्टी के बर्तन बनाना इस युग के प्रमुख व्यवसाय थे।

(5) धार्मिक भावना

इस काल का मानव धार्मिक भावना के ज्ञान से अपरिचित था। वह केवल दो चीजों से डरता था। (1) ऋतु, (2) जंगली जानवर। इस काल में शायद धार्मिक भावना का अभ्युदय नहीं हो पाया था।<br>

 

धार्मिक भावना के रूप में अप्रत्यक्ष रूप से इस काल का मानव परंपरावादी या अंधविश्वासी हो गया था। अज्ञात शक्ति की कल्पना वह करने लगा था किन्तु प्रत्यक्ष रूप में देवी-देवताओं की मान्यता प्रचलित नहीं हो पाई थी। मानव धीरे धीरे चिंतन की ओर प्रवृत्त होने लगा था।

 


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