प्रश्न प्रशिक्षण की आवश्यकता (महत्व) के कोई पाँच बिन्दुओं पर प्रकाश डालिए
उत्तर-प्रशिक्षण की आवश्यकता (महत्व) के प्रमुख बिन्दु निम्नांकित हैं
1. उत्पादकता में वृद्धि हेतु-प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसी भी कार्य को अच्छे ढंग तथा : शीघ्र कैसे किया जाए प्रशिक्षण द्वारा कर्मचारियों में कार्य के प्रति लगन में वृद्धि होती है उनका आत्मविश्वास बढ़ता है जिसके परिणामस्वरूप कार्यक्षमता में वृद्धि होती है इस प्रकार उपक्रम के उत्पादन में वृद्धि होती है
2. दुर्घटनाओं में कमी–प्रशिक्षित कर्मचारी कार्य को सही ढंग से करता है उसे पता होता है कि मशीनों एवं यंत्रों का उपयोग किस प्रकार करना है तो दुर्घटनाओं में भी कमी आती है दुर्घटना को किस प्रकार टाला जा सकता है, सभी प्रशिक्षण के दौरान बताया जाता है
3. पर्यवेक्षण तथा निर्देशन में कमी हेतु-किसी भी कार्य को सही ढंग से करने के लिए पर्यवेक्षण तथा निर्देशन दिया जाता है लेकिन एक प्रशिक्षित कर्मचारी अपने कार्य को सही व उचित तरीके से सम्पन्न कर लेता है इसलिए प्रशिक्षण के बाद पर्यवेक्षण तथा निर्देशन करने की आवश्यकता नहीं होती है
4. कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि–प्रशिक्षित कर्मचारी अपने कार्य को पूर्ण कौशल के साथ करता है जिसके फलस्वरूप उसे कार्य में स्थायित्व मिलता है, पदोन्नति के अवसर अधिक मिलते हैं और उसके मनोबल में वृद्धि होती है
5. स्थायित्व की भावना में वृद्धि-जब कोई भी संस्था किसी कर्मचारी को प्रशिक्षण प्रदान करती है तो प्रशिक्षण के दौरान उस पर अतिरिक्त भार बढ़ता है जिसकी पूर्ति वह कर्मचारी से कार्य करवाकर करती है अतः कर्मचारी को कार्य में स्थायित्व प्रदान किया जाता है
6. कार्यक्षमता व कुशलता में वृद्धि- प्रशिक्षण में विशेष कार्य को विधिपूर्वक करने की कला सिखाई जाती है इससे कर्मचारियों की कार्यक्षमता एवं कुशलता में वृद्धि होती हैं